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सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
राकेश टिकैत तेजी से 'हार्दिक पटेल' बनने की ओर अग्रसर हैं!
राकेश टिकैत भी आजकल 'पगड़ी' पहने हुए नजर आने लगे हैं. किसान आंदोलन की कमान पंजाब के किसानों के हाथों से छूटकर राकेश टिकैत के हाथ में आ जाने के बाद से ही उन्होंने पगड़ी को धारण कर लिया था. कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस, राकेश टिकैत को आगे रखकर पंजाब और उत्तर प्रदेश दोनों को एक साथ साध रही है.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
किसान आंदोलन की नियति पर टिका है भाजपा का राजनीतिक भविष्य
किसान आंदोलन कर रहे संगठनों की मांग है कि मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और MSP के लिए गारंटी कानून बनाया जाए. मोदी सरकार इस मामले पर झुकती है, तो उसे सीधे तौर पर तीन राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में नुकसान उठाना पड़ेगा. वहीं, अगर सरकार अपना रुख नहीं बदलती है, तो भाजपा के लिए स्थितियां पूरी तरह से बदल सकती हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
कथित किसानों का इरादा 'दिल्ली फतेह' करना हो, तो राजधानी की हिफाजत क्यों न हो?
चक्का जाम की वजह से फिर अराजकता और हिंसा न फैले इसके लिए दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर 6 लेयर बैरिकेडिंग की है. जिसमें कंटीले तार, सीमेंट ब्लॉक, रोड पर नुकीली कीलें लगाई गई हैं. इतने भारी सुरक्षा इंतजामों की जरूरत क्यों पड़ रही है, इस सवाल का जवाब 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा माना जा सकता है.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
अणु शक्ति सिंह
@anushakti19.singh
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर, किसान आंदोलन और एक खुशनुमा दोपहर...
सिंघु बॉर्डर जाने पर महसूस हुआ कि किसान धरना स्थल का उत्साह टूटी हुई आस में भी रण जीतने जैसा जोश भर सकता है. और क्या संक्रामक. ख़ुद में मैं इतना सारा जोश भर आयी कि सखी और साथी में थोड़ा-थोड़ा बांट देने पर भी, अभी लबालब भरी हुई हूं.
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
पंजाब के किसानों की कीमत 1500, मैटर बहुत शर्मनाक है...
दिल्ली में धरना दे रहे किसान सशक्त हों, इसलिए पंजाब में पंचायत हुई है और धरने के लिए दिल्ली न जाने वाले पर 1500 का जुर्माना लगाने की बात हुई है. पंजाब के किसानों की कीमत अगर सिर्फ 1500 रुपए है, तो ये वाक़ई बहुत शर्मनाक है. और वहां पंचायत को फिर से इसके लिए एक पंचायत करनी चाहिए.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
किसान आंदोलन और कांग्रेस: राहुल गांधी क्यों हो रहे हैं आक्रामक
कृषि कानूनों का विरोध राहुल गांधी शुरू से ही कर रहे हैं. इस विरोध में अन्य विपक्षी दल भी अपनी आहूतियां देने में लगे हैं. हर राजनीतिक दल इस किसान आंदोलन से अपनी धूमिल पड़ चुकी सियासी चमक फिर से पाना चाहता है. हालांकि, राहुल गांधी इस मामले में फिलहाल अन्य पार्टियों से आगे नजर आ रहे हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
मशाहिद अब्बास
@masahid.abbas
Rakesh Tikait ने हवाओं का रुख मोड़कर अपनी फैन फालोविंग में इज़ाफा कर लिया!
गणतंत्र दिवस के बाद से कमजोर पड़े किसान आंदोलन में नई जान फूंककर किसान नेता चौधरी राकेश सिंह टिकैत ने अपनी एक अलग पहचान छोड़ दी है. अलग अलग आंदोलन का हिस्सा बनकर 44 बार जेल का सफर तय करने वाले चौधरी राकेश सिंह टिकैत को काबू में कर पाना सरकार के लिए चुनौती बन रहा है. राकेश टिकैत के आंसुओं ने किसान आंदोलन को एक नई शक्ल प्रदान कर दी है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
किसान आंदोलन का सिरदर्द अब अमित शाह के पाले से योगी आदित्यनाथ के हवाले
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को हुई किसान महापंचायत में राकेश टिकैत के आंदोलन को और मजबूत करने का फैसला लिया गया. पश्चिमी यूपी के किसान गाजीपुर बॉर्डर पर जमा होकर आंदोलन में नए प्राण फूंकने की तैयारी में हैं.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
चुनावी और किसान राजनीति के बीच की जमीन पक्की करते राकेश टिकैत
चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के निधन के बाद खाप से जुड़े नियमों की वजह से उनके बड़े बेटे नरेश टिकैत को भारतीय किसान यूनियन का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. वहीं, राकेश टिकैत को प्रवक्ता पद दिया गया. सतही तौर पर इन दोनों भाईयों के बीच दूरी नजर नहीं आती है. लेकिन, भीतर ही भीतर अपना अपना वजूद बनाने की लड़ाई भी जारी है.